देसी वैक्‍सीन में मिलाई जा रही ऐसी चीज, लंबे समय तक आपको रखेगी कोरोना से दूर

By: Pinki Mon, 05 Oct 2020 4:22:50

 देसी वैक्‍सीन में मिलाई जा रही ऐसी चीज, लंबे समय तक आपको रखेगी कोरोना से दूर

ICMR-NIV ने भारत बायोटेक के साथ मिलकर COVAXIN तैयार की है। इसका पहले दौर का ह्यूमन क्लिनिकल ट्रायल पूरा हो चुका है जबकि दूसरे चरण का ट्रायल (Trial) जारी है। जानवरों पर ट्रायल में यह वैक्‍सीन इम्‍युन रेस्‍पांस ट्रिगर करने में कामयाब रही थी। भारत बायोटेक ने अपनी कोविड वैक्‍सीन में एक और दवा मिक्‍स करने का फैसला किया है। कंपनी Covaxin में Alhydroxiquim-II नाम का अजुवंट मिलाएगी। यह वैक्‍सीन के इम्‍युन रेस्‍पांस को बेहतर करेगा और उससे लंबे वक्‍त तक कोरोना से सुरक्षा मिलेगी। अजुवंट एक ऐसा एजेंट होता है जिसे मिलाने पर वैक्‍सीन की क्षमता बढ़ जाती है। इससे टीका लगने के बाद शरीर में ज्‍यादा ऐंटीबॉडीज बनती हैं और लंबे वक्‍त तक इम्‍युनिटी मिलती है। ViroVax ने भारत बायोटेक को Alhydroxiquim-II अजुवंट का लाइसेंस दिया है। फिलहाल यह वैक्‍सीन फेज-2 ट्रायल से गुजर रही है।

क्‍यों खास है Alhydroxiquim-II ?


भारत बायोटेक के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्‍टर कृष्‍णा एल्‍ला का कहना है कि अजुवंट के रूप में एल्‍युमिनियम हाइड्रॉक्‍साइड का कई कोविड वैक्‍सीन के डेवलपमेंट में यूज हुआ है। उन्‍होंने कहा कि यह Th2 आधारित रेस्‍पांस (एक्‍स्‍ट्रासेलुलर पैरासाइट्स और बैक्‍टीरियल इन्‍फेक्‍शन को खत्‍म करने के लिए जरूरी) पैदा करता है। Th2 आधारित रेस्‍पांस से वैक्‍सीन से जुड़ी श्‍वसन समस्‍याओं ((VAERD या ADE) की दिक्‍कत हो सकती है। एल्‍ला के मुताबिक, उनकी कंपनी ने अजुवंट्स की Imidazoquinoline क्‍लास का यूज किया है। ये Th1 आधारित रेस्‍पांस पैदा करते हैं जो ADE के खतरे को कम कर देते हैं।

फेज-2 ट्रायल से गुजर रही है Covaxin

Covaxin के अलावा दो और वैक्‍सीन हैं जो भारत में ट्रायल से गुजर रही हैं। ICMR-NIV ने भारत बायोटेक के साथ मिलकर COVAXIN तैयार की है। इसका पहले दौर का ह्यूमन क्लिनिकल ट्रायल पूरा हो चुका है जबकि दूसरे चरण का ट्रायल जारी है। जानवरों पर ट्रायल में यह वैक्‍सीन इम्‍युन रेस्‍पांस ट्रिगर करने में कामयाब रही थी।

सीरम इंस्टिट्यूट कर रहा कोविशील्‍ड का ट्रायल

ऑक्‍सफर्ड यूनिवर्सिटी और अस्‍त्राजेनेका ने मिलकर यह वैक्‍सीन तैयार की है। सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (SII) ने इसे भारत में लाने के लिए अस्‍त्राजेनेका से करार किया है। ICMR के कोविड वैक्‍सीन पोर्टल (Covid Vaccine Portal) के मुताबिक, फिलहाल इस वैक्‍सीन का फेज 2 ट्रायल चल रहा है।

ZyCoV-D के नतीजे भी जगा रहे उम्‍मीद

भारत में ट्रायल से गुजर रही तीसरी वैक्‍सीन है ZyCoV-D, जिसे जायडस कैडिला ने बनाया है। ZyCoV-D का भी फेज 2 ट्रायल चल रहा है। अगर तीनों वैक्‍सीन के ट्रायल में कोई दिक्‍कत नहीं आती तो ये अगले साल की शुरुआत तक उपलब्‍ध हो सकती हैं।

सरकार को जुलाई तक 50 करोड़ डोज मिलने की उम्‍मीद


केंद्र सरकार ने कहा है कि वह जुलाई 2021 तक 40-50 करोड़ डोज हासिल करने की उम्‍मीद कर रही है। इससे 20-25 करोड़ लोगों को टीका लग पाएगा। रविवार को केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि सरकार जुलाई 2021 तक 40-50 करोड़ डोज हासिल करने की उम्‍मीद कर रही है। इससे 20-25 करोड़ लोगों को टीका लग जाएगा। यानी सरकारी अनुमान के हिसाब से जुलाई तक केवल 20% आबादी को ही वैक्‍सीन मिल पाएगी। भारत की वर्तमान जनसंख्‍या 130 करोड़ बताई जाती है। स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री के अनुसार, वैक्‍सीन 2021 की तीसरी तिमाही से ही उपलब्‍ध हो पाएगी। उन्‍होंने बताया कि राज्‍यों से ऐसे लोगों की लिस्‍ट मांगी गई है जिन्‍हें पहले टीका लगाया जाएगा। हर्षवर्धन ने कहा कि शुरुआती डोज डॉक्‍टर्स, नर्सेज, पैरामेडिक्‍स जैसे हेल्‍थकेयर वर्कर्स को मिलेगी। वैक्‍सीन केंद्र सरकार हासिल करेगी इसलिए राज्‍यों से कहा गया है कि वे वैक्‍सीन निर्माताओं से कोई डील न करें। हर्षवर्धन ने बताया कि बाहर से आने वाली वैक्‍सीन सुरक्षित और असरदार हैं या नहीं, यह सुनिश्चित करने के बाद ही लोगों को दी जाएगी। उन्‍होंने यह भी साफ किया है रूसी वैक्‍सीन Sputnik V को लेकर सरकार ने कोई फैसला अबतक नहीं किया है।

आप तक कैसे पहुंचेगी वैक्‍सीन?

हर्षवर्धन ने बताया कि वैक्‍सीन एक बार डेटा वैलिडेट हो जाए तो वैक्‍सीन को अप्रूवल मिलने में देरी का कोइ तुक नहीं है। उन्‍होंने कहा कि नीति आयोग के डॉ वीके पॉल की अगुवाई में एक हाई लेवल कमिटी पूरा प्‍लान बना रही है। किस देश की वैक्‍सीन कब उपलब्‍ध होगी, फार्मा कंपनियों से उनकी वैक्‍सीन के बारे में जानकारी लेना और भारत में पर्याप्‍त टीके मुहैया कराना इस कमिटी का जिम्‍मा होगा। इन्‍वेंट्री और सप्‍लाई चेन मैनेजमेंट के लिए भी इंतजाम किए जा रहे हैं। वैक्‍सीन के कंसाइनमेंट्स की रियल टाइम ट्रैकिंग होगी और ब्‍लैक-मार्केटिंग नहीं होने दी जाएगी। केंद्र सरकार वैक्‍सीन हासिल करने के बाद राज्‍यों को डोज भेजेगी। राज्‍यों को वैक्‍सीन की स्‍टोरेज और टीकाकरण का इंतजाम करना होगा।

विदेशी कंपनियों से भी हुई है डील

भारत में वैक्‍सीन डेवलपमेंट के अलावा विदेश में ट्रायल से गुजर रहे टीकों पर भी नजर है। भारतीय कंपनियों ने प्रमुख वैक्‍सीन निर्माताओं से समझौते किए हैं। SII ने अस्‍त्राजेनेका के अलावा अमेरिकी कंपनी Novavax से भी वैक्‍सीन के लिए टाईअप किया है। Dr Reddy’s Laboratories रूस की Sputnik V वैक्‍सीन को भारत लाने की तैयारी में है। वहीं, बायोलॉजिकल ई ने Johnson & Johnson से उसकी वैक्‍सीन की डील की है।

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